Faridabad 06 November 2016: शहर में आए दिन बिल्डरों की करतूतें सामने आती रहती हैं। पीडित सुबह से लेकर शाम तक पुलिस प्रशासन के चक्कर लगाते हैं लेकिन न्याय नही मिल पाता है। पुलिस प्रशासन ऐसे नामी बिल्डरों को बचाने का भरसक प्रयास करती है। अग्रिम धन राशि लेने के बावजूद समय पर फ्लैट ना देना इन बिल्डरों का धंधा बन गया है। इस गोरख धंधें में इन बिल्डरों ने अपने सगे संबंधियों को भी चूना लगाया है। पीडित पुलिस के पास जाते हैं तो इन्हें धमकी मिलती है और बिल्डर कहतें है कि हरियाणा पुलिस में ऐसा कोई अफसर नही है जो हमारे उपर एफआईआर दर्ज कर सके। ऐसा ही एक मामला ओजोन बिल्डर्स के निदेशक प्रवीण मंगला के खिलाफ सामने आया है जिसमें पीडित ने 16 लाख रूपये की धोखाधडी का मामला सीएम विंडों में शिकायत दर्ज कराई लेकिन यहां भी पीडित को न्याय नही मिला। पुलिस विभाग को पीडित द्वारा दिनांक 19 अक्टूबर को डीसीपी बल्लभगढ़ को शिकायत दी, पुलिस भी पीडित को इधर से उधर दौड़ा रही है।
सेक्टर 19 निवासी इंद्रसेन मंगला ने अपनी लिखित शिकायत में उपरोक्त सभी बातों का उल्लेख किया है। इंद्रसेन ने अपनी शिकायत सीएम विंडो पर दिनंाक 16 अगस्त, 2016 को दर्ज कराई लेकिन पीडित को यह मामला उनका पारावारिक मामला बताकर अपना पल्ला झाड लिया। अपनी शिकायत में पीडित इंद्र मंगला ने बताया कि उसने ओजोन बिल्डर डेवेलपर्स प्राईवेट लिमीटेड, ओजोन हाउस, बी-1 21, दिल्ली मथुरा रोड़ सेक्टर 11 नियर वाईएमसीए चौक फरीदाबाद के बारे में जानकारी मिली कि वह फरीदाबाद और अलीगढ में ओजोन के प्रोजेक्ट हैं जिसमें ओजोन सिटी मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के नाम से रिहायशी प्लाट बेचे जा रहे हैं। इसमें बताया गया कि प्रोफिट एक साल में दोगुना कर देगें। पीडित प्रवीण मंगला की बातों में आ गया और दिनांक 27 मार्च, 2015 को अपनी सगी बहन सविता रानी पत्नी दिनेश कुमार जो कि ज्वार्इंट सेविंग एकाउंट सविता रानी व इंद्रसेन मंगला के नाम से आईडीबीआई बैंक सेक्टर 16 में खुला हुआ है। इसमें से मैने 16 लाख रूपये ओजोन बिल्डर्स के एकाउंट में आरटीजीएस द्वारा जमा करा दिए जिनका चैंक संख्या 9290 है।
उसके बाद पीडित इंद्रसेन मंगला ने बताया कि मैं उनके कार्यालय में मिला और अपनी रकम वापसी मांगी तो आरोपी ने रकम लौटाने से साफ मना कर दिया और धमकी दी कि अगर फिर से पेसे मांगने आए तो जान से मार दूंगा। अपने बाउंसरों से मुझे धक्केमार कर मुझे ऑफिस से बाहर निक लवा दिया। पीडित को अभी तक न्याय नही मिला और ना ही फरीदाबाद पुलिस आरोपो के खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाई है।
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