नई दिल्ली 28 November 2016: विपक्षी दलों द्वारा घोषित भारत बंद टांय टांय फुस्स हो सकता है सिर्फ गिने चुने शहरों में ही इसका कोई असर दिखेगा । विपक्ष द्वारा घोषित किये गए भारत बंद से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है कई विपक्षी पार्टियों ने इस बंद से दूरी बना ली है । कांग्रेस का तो सीधा कहना है कि हमने भारत बंद का कोई एलान ही नहीं किया था । वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नवी आजाद ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि हमने कोई भारत बंद नहीं बुलाया है । उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद जनता को अधिक परेशानी हो रही थी जिस कारण आज के दिन हमने आक्रोश दिवस मनाने का फैसला लिया था ।
जेडीयू ने दो दिन पहले ही इस बंद से हाँथ खींच लिया था, समाजवादी पार्टी भी भारत बंद से दूर हो गई है । हाल में अखिलेश यादव पी एम् मोदी से मिल चुके हैं और बोल चुके हैं मोदी गरीबों की चिंता करते हैं । मोदी सरकार पर जमकर हमला करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बंद में शामिल होने से अब इनकार करने लगी हैं समझ में नहीं आ रहा है कि भारत बंद किसने बुलाया है ।
इस बंद को कई मजदूर संगठनों का समर्थन जरूर मिला है लेफ्ट ने त्रिपुरा और अन्य जगहों पर भी भारत बंद का एलान किया है । एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की रैली में कहा था कि हम भ्रष्टाचार बंद कर रहे हैं कुछ लोग भारत बंद करने जा रहे हैं । सूत्रों की मानें तो मोदी की ये बाद कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं के दिलों को झकझोर डाला और वो भारत बंद से पीछे हटने लगे । ताजा जानकारी के मुताबिक़ विपक्षी दल आज प्रदर्शन जरूर करेंगे लेकिन भारत बंद नहीं होगा ।
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