फरीदाबाद, 25 नवम्बर। हरियाणा के जिला फरीदाबाद में दिव्यांगजनों की सहायता तथा उनके उत्थान के लिए दो परियोजनाओं की शुरूआत की जायेगी, जिनमें कम्पोजिट रिजनल सैन्टर तथा दिव्यांगजनों के यंत्रों व उपकरणों के निर्माण के लिए जिला के नवादा-तिगांव में एक इकाई स्थापित की जायेगी।
यह घोषणा आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सैक्टर-12 स्थित खेल परिसर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए की।
उन्होंने कारपोरेट जगत, गैर सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया कि वे दिव्यांगजनों के सहयोग के लिए आगे आयें ताकि वे समाज की मुख्य धारा में प्रवेश कर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि ये सभी संस्थाएं देश में हो रहे परिवर्तन में भी बढ़चढ़ कर अपना सहयोग व योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित किए गए कार्यक्रम में भी फरीदाबाद में लगभग 3000 दिव्यांगजन लाभार्थियों को यंत्र व उपकरण दिए गए थे और आज उससे आगे बढ़ कर लगभग 3500 दिव्यांगजनों को यंत्र व उपकरण दिए जा रहे हैं। इसके लिए वे भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्बको)और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को बधाई देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के भी शरीर के अन्दर कमी आने की वजह से सामाजिक दृष्टि से उसमें हीनता का भाव न जागृत हो इसके लिए उसे सक्षम बनाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए ताकि वह अपनी सक्षमता से किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
फरीदाबाद जिला के सिही गांव का जिक्र करते हुए उन्होंने महान कवि सूरदास का उदाहरण देते हुए कहा कि वे सिही गांव से सम्बन्ध रखते थे और उनके नेत्रों की भी रोशनी नहीं थी लेकिन प्रभू श्री कृष्ण की लीला करके उन्होंने अपनी ऊर्जा और चेतना को जागृत किया और एक महान मुकाम तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोई दिव्यांगजन अपनी ऊर्जा और चेतना जागृत करके किसी क्षेत्र में आगे बढ़़ सकता है चाहे वह खेल का क्षेत्र ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि पैरालम्पिक में देश के चार खिलाडिय़ों ने पदक जीते, जिनमें से दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक था। उन्होंने बताया कि हरियाणा की बेटी दीपा मलिक ने पैरालम्पिक में रजत पदक हासिल किया और हरियाणा सरकार ने उन्हें सम्मान स्वरूप चार करोड़ रूपए की राशि देकर पुरस्कृृत किया।
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा तैयार की गई नई खेल नीति में ओलम्पिक विजेताओं को स्वर्ण पदक लाने पर छ: करोड़ रूपए, रजत पदक विजेता को चार करोड़ रूपए और कांस्य पदक विजेता को ढाई करोड़ रूपए की राशि देकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि समाज में सभी को समान स्थान दिया जाये इस प्रकार की योजनाएं हरियाणा सरकार द्वारा बनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पानीपत में भी दिव्यांगजनों के लिए एक विद्यालय चलाया जा रहा है। इसके अलावा करनाल में राज्य कौशल विकास एवं रोजगार संस्थान को स्थापित किया जा रहा है ताकि उसमें दिव्यांगजनों को कौशल सिखाया जाए ताकि आने वाले समय में वह अपने कौशल के अनुसार किसी भी क्षेत्र में कार्य कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत एक नवम्बर-2016 को दिव्यांगजनों की पैंशन 1600 रूपए की गई है जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि अब 70 प्रतिशत की पात्रता को कम करके 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को पैंशन देने के लिए पात्र माना गया है। उन्होंने बताया कि इससे नीचे की प्रतिशतता वाले दिव्यांगों को लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को दी जानेे वाली छात्रवृति को 700 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह किया गया है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहे हैं और इस प्रकार के विभिन्न शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मन में दिव्यांगों के प्रति बहुत पीड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के महा शिविर पहले नहीं आयोजित किए जाते थे परन्तु प्रधानमंत्री की अगुवाई में इस प्रकार के बड़े-बड़े शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक पांच लाख से अधिक दिव्यांगजनों को यंत्र और उपकरण वितरित किए जा चुके हैं ताकि उन्हें सशक्त करके समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रशिक्षण आयोजित करके दिव्यांगजनों को रोजगारपरक बनाया जा रहा है और उन्हें सस्ती दरों पर ऋण भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार दिव्यांगजनों को शीघ्र ही युनिवर्सल पहचान-पत्र जारी करेगी और यह पहचान-पत्र हरियाणा राज्य में सर्वप्रथम जारी किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि छ: लाख रूपए की राशि का उपकरण 450 मूक-बधिर बच्चों को बोलने और सुनने के लिए लगाया जा चुका है। सुगम्य योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के भवनों के अलावा अन्य भवनों को सुगम बनाने के लिए कार्य चल रहा है ताकि दिव्यांगजन इन भवनों में आसानी से आ-जा सकें। इसी कड़ी में देश के 50 शहरों में यह योजना प्रथम चरण में शुरू की गई है जिसके तहत फरीदाबाद और गुरूग्राम के 50-50 भवन चिन्हित किए गए हैं जिन्हें सुगम बनाया जायेगा। श्री गुर्जर ने बताया कि आज पांच करोड़ 80 लाख रूपए के 558 उपकरण दिव्यांगजनों को वितरित किए गए हैं जिनमें मोटरराइज्ड साईकिल भी है जो बैट्री से संचालित है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के 1632 और पलवल के 1938 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं।
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि हरियाणा के 10 लोकसभा क्षेत्रों में स्वर्ण जयन्ती वर्ष के दौरान दिव्यांगजनों का महाशिविर अयोजित किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 2 दिसम्बर को कुरूक्षेत्र में भी इस प्रकार का महाशिविर आयोजित किया जायेगा और 31 मार्च 2017 से पहले 10 लोकसभा क्षेत्रों में इस प्रकार के शिविर आयोजित किए जायेंगे। सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा पर हरियाणा सरकार कार्य कर रही है और इसी दिशा में राज्य के 2.55 करोड़ लोगों को विकास की दौड़ में शामिल करने के साथ-साथ दिव्यांगजन भी सहभागी बनें ऐसी योजनाएं हैं। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत तक के एक लाख 46 हजार दिव्यांगजनों को पैंशन दी जाती थी परन्तु 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगजनों को शामिल करने के पश्चात यह संख्या अब एक लाख 76 हजार हो गई है और अब इन लोगों को 1600 रूपए प्रतिमाह पैंशन दी जा रही है। इसी प्रकार दिव्यांगजनों को दी जाने वाली छात्रवृति में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने बताया कि 89 सरकारी भवनों को सुगम बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। जिनमें से 21 भवनों के नवीनिकरण के लिए 451.10 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग अनुकूल योजना के तहत छ: मास की अग्रिम पैंशन प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वागत गीत से प्रसन्न होकर पांच हजार रूपए की पुरस्कार स्वरूप नकद राशि भी दी। उन्होंने समारोह के दौरान दिव्यांगजनों नामत: मनोज बैंसला, निशान्त बैंसला, धू्रव कुमार, कमल चन्द्र, अनुज बैंसला, श्रीमती देवी, तलहा, नेहा कुमारी, सुमित कुमार, ललिता, शंकर और धर्मपाल को मोटराइज्ड साईकिल तथा विभिन्न उपकरण भी वितरित किए।
समारोह में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव अविनाश अवस्थी और हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने भी लोगों को सम्बोधित किया और विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम के महाप्रबन्धक लै0 कर्नल पी.के. दूबे ने भी आए हुए अतिथिायों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, विधायक मूलचंद शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट गोपाल शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय गौड़, जिला परिषद के चेयरमैन विनोद चौधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र चौधरी, नीरा तोमर, डा0 कौशल बाठला, नरेन्द्र गुप्ता, अजय बैंसला, संजय कौशिक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक संजीव वर्मा, जिला रैडक्रास सोसायटी फरीदाबाद के अध्यक्ष एवं उपायुक्त चन्द्रशेखर, जिला रैडक्रास सोसायटी पलवल के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अशोक शर्मा, पुलिस आयुक्त डा0 हनीफ कुरैशी, अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया, नगराधीश सतबीर मान व बल्लबगढ़ के एसडीएम पार्थ गुप्ता सहित जिला फरीदाबाद एवं पलवल के विभिन्न वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारी, समाजसेवी व गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
यह घोषणा आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सैक्टर-12 स्थित खेल परिसर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए की।
उन्होंने कारपोरेट जगत, गैर सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया कि वे दिव्यांगजनों के सहयोग के लिए आगे आयें ताकि वे समाज की मुख्य धारा में प्रवेश कर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि ये सभी संस्थाएं देश में हो रहे परिवर्तन में भी बढ़चढ़ कर अपना सहयोग व योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित किए गए कार्यक्रम में भी फरीदाबाद में लगभग 3000 दिव्यांगजन लाभार्थियों को यंत्र व उपकरण दिए गए थे और आज उससे आगे बढ़ कर लगभग 3500 दिव्यांगजनों को यंत्र व उपकरण दिए जा रहे हैं। इसके लिए वे भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्बको)और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को बधाई देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के भी शरीर के अन्दर कमी आने की वजह से सामाजिक दृष्टि से उसमें हीनता का भाव न जागृत हो इसके लिए उसे सक्षम बनाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए ताकि वह अपनी सक्षमता से किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
फरीदाबाद जिला के सिही गांव का जिक्र करते हुए उन्होंने महान कवि सूरदास का उदाहरण देते हुए कहा कि वे सिही गांव से सम्बन्ध रखते थे और उनके नेत्रों की भी रोशनी नहीं थी लेकिन प्रभू श्री कृष्ण की लीला करके उन्होंने अपनी ऊर्जा और चेतना को जागृत किया और एक महान मुकाम तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोई दिव्यांगजन अपनी ऊर्जा और चेतना जागृत करके किसी क्षेत्र में आगे बढ़़ सकता है चाहे वह खेल का क्षेत्र ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि पैरालम्पिक में देश के चार खिलाडिय़ों ने पदक जीते, जिनमें से दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक था। उन्होंने बताया कि हरियाणा की बेटी दीपा मलिक ने पैरालम्पिक में रजत पदक हासिल किया और हरियाणा सरकार ने उन्हें सम्मान स्वरूप चार करोड़ रूपए की राशि देकर पुरस्कृृत किया।
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा तैयार की गई नई खेल नीति में ओलम्पिक विजेताओं को स्वर्ण पदक लाने पर छ: करोड़ रूपए, रजत पदक विजेता को चार करोड़ रूपए और कांस्य पदक विजेता को ढाई करोड़ रूपए की राशि देकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि समाज में सभी को समान स्थान दिया जाये इस प्रकार की योजनाएं हरियाणा सरकार द्वारा बनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पानीपत में भी दिव्यांगजनों के लिए एक विद्यालय चलाया जा रहा है। इसके अलावा करनाल में राज्य कौशल विकास एवं रोजगार संस्थान को स्थापित किया जा रहा है ताकि उसमें दिव्यांगजनों को कौशल सिखाया जाए ताकि आने वाले समय में वह अपने कौशल के अनुसार किसी भी क्षेत्र में कार्य कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत एक नवम्बर-2016 को दिव्यांगजनों की पैंशन 1600 रूपए की गई है जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि अब 70 प्रतिशत की पात्रता को कम करके 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को पैंशन देने के लिए पात्र माना गया है। उन्होंने बताया कि इससे नीचे की प्रतिशतता वाले दिव्यांगों को लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को दी जानेे वाली छात्रवृति को 700 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह किया गया है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहे हैं और इस प्रकार के विभिन्न शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मन में दिव्यांगों के प्रति बहुत पीड़ा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के महा शिविर पहले नहीं आयोजित किए जाते थे परन्तु प्रधानमंत्री की अगुवाई में इस प्रकार के बड़े-बड़े शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक पांच लाख से अधिक दिव्यांगजनों को यंत्र और उपकरण वितरित किए जा चुके हैं ताकि उन्हें सशक्त करके समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रशिक्षण आयोजित करके दिव्यांगजनों को रोजगारपरक बनाया जा रहा है और उन्हें सस्ती दरों पर ऋण भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार दिव्यांगजनों को शीघ्र ही युनिवर्सल पहचान-पत्र जारी करेगी और यह पहचान-पत्र हरियाणा राज्य में सर्वप्रथम जारी किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि छ: लाख रूपए की राशि का उपकरण 450 मूक-बधिर बच्चों को बोलने और सुनने के लिए लगाया जा चुका है। सुगम्य योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के भवनों के अलावा अन्य भवनों को सुगम बनाने के लिए कार्य चल रहा है ताकि दिव्यांगजन इन भवनों में आसानी से आ-जा सकें। इसी कड़ी में देश के 50 शहरों में यह योजना प्रथम चरण में शुरू की गई है जिसके तहत फरीदाबाद और गुरूग्राम के 50-50 भवन चिन्हित किए गए हैं जिन्हें सुगम बनाया जायेगा। श्री गुर्जर ने बताया कि आज पांच करोड़ 80 लाख रूपए के 558 उपकरण दिव्यांगजनों को वितरित किए गए हैं जिनमें मोटरराइज्ड साईकिल भी है जो बैट्री से संचालित है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के 1632 और पलवल के 1938 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं।
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि हरियाणा के 10 लोकसभा क्षेत्रों में स्वर्ण जयन्ती वर्ष के दौरान दिव्यांगजनों का महाशिविर अयोजित किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 2 दिसम्बर को कुरूक्षेत्र में भी इस प्रकार का महाशिविर आयोजित किया जायेगा और 31 मार्च 2017 से पहले 10 लोकसभा क्षेत्रों में इस प्रकार के शिविर आयोजित किए जायेंगे। सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा पर हरियाणा सरकार कार्य कर रही है और इसी दिशा में राज्य के 2.55 करोड़ लोगों को विकास की दौड़ में शामिल करने के साथ-साथ दिव्यांगजन भी सहभागी बनें ऐसी योजनाएं हैं। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत तक के एक लाख 46 हजार दिव्यांगजनों को पैंशन दी जाती थी परन्तु 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगजनों को शामिल करने के पश्चात यह संख्या अब एक लाख 76 हजार हो गई है और अब इन लोगों को 1600 रूपए प्रतिमाह पैंशन दी जा रही है। इसी प्रकार दिव्यांगजनों को दी जाने वाली छात्रवृति में भी बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने बताया कि 89 सरकारी भवनों को सुगम बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। जिनमें से 21 भवनों के नवीनिकरण के लिए 451.10 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग अनुकूल योजना के तहत छ: मास की अग्रिम पैंशन प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वागत गीत से प्रसन्न होकर पांच हजार रूपए की पुरस्कार स्वरूप नकद राशि भी दी। उन्होंने समारोह के दौरान दिव्यांगजनों नामत: मनोज बैंसला, निशान्त बैंसला, धू्रव कुमार, कमल चन्द्र, अनुज बैंसला, श्रीमती देवी, तलहा, नेहा कुमारी, सुमित कुमार, ललिता, शंकर और धर्मपाल को मोटराइज्ड साईकिल तथा विभिन्न उपकरण भी वितरित किए।
समारोह में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव अविनाश अवस्थी और हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने भी लोगों को सम्बोधित किया और विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम के महाप्रबन्धक लै0 कर्नल पी.के. दूबे ने भी आए हुए अतिथिायों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, विधायक मूलचंद शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट गोपाल शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय गौड़, जिला परिषद के चेयरमैन विनोद चौधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र चौधरी, नीरा तोमर, डा0 कौशल बाठला, नरेन्द्र गुप्ता, अजय बैंसला, संजय कौशिक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक संजीव वर्मा, जिला रैडक्रास सोसायटी फरीदाबाद के अध्यक्ष एवं उपायुक्त चन्द्रशेखर, जिला रैडक्रास सोसायटी पलवल के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अशोक शर्मा, पुलिस आयुक्त डा0 हनीफ कुरैशी, अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया, नगराधीश सतबीर मान व बल्लबगढ़ के एसडीएम पार्थ गुप्ता सहित जिला फरीदाबाद एवं पलवल के विभिन्न वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारी, समाजसेवी व गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
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