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हुड्डा गुट पृथला, बड़खल, न्यू टाउन, बल्लबगढ़, और तिगांव में अधिक मजबूत है । तिगांव विधानसभा बड़ा विधानसभा क्षेत्र है और बारीक सूत्रों की मानें तो यहाँ रोहित नागर को जमकर वोट मिलेंगे जबकि फरीदाबाद शहरी विधान सभा के कुछ वोट उन्हें गुर्जर समुदाय के मिलेंगे जबी कुछ वोट नरेश गोदारा झटक सकते हैं । सूत्रों की मानें तो रोहित नागर आजकल फरीदाबाद में कम दिखते हैं दिल्ली में अधिक देखगे जा रहे हैं खासकर केंद्रीय कांग्रेसी नेताओं से उनका गहरा संपर्क है । तरुण तेवतिया हुड्डा गुट के सभी नेताओं से संपर्क कर रहे होंगे लेकिन सूत्रों की मानें तो हुड्डा गुट के सभी नेता जो सामने बोलेंगे वो करेंगे नहीं । अगर ऐसा होता है तो रोहित नागर के लिए बड़ी खुशखबरी होगी क्यू कि सूत्रों से ही पता चला है कि रोहित भी हुड्डा गुट के वोटों में सेंध लगा सकते हैं ।
तरुण तेवतिया और नरेश गोदारा जाट समुदाय से हैं जबकि रोहित नागर गुर्जर समुदाय से और ऐसा भी सम्भव है कि दो जाटों की जंग में गुर्जर का छोरा बाजी मार ले जाए । नरेश गोदारा अशोक तंवर के खासमखास माने जाते हैं जबकि हुड्डा गुट के बड़े नेता अशोक तंवर का दिल से नाम तक लेना पसंद नहीं करते हैं और हाल में राहुल गांधी की खाट यात्रा के समापन के बाद जो कुछ हुआ था उसे हरियाणा के साथ साथ पूरे देश ने देखा था । उस लफड़े के बाद अशोक तंवर के समर्थकों ने भूपेंद्र हुड्डा के पुतले जलाये थे जगह जगह उनके होर्डिंग उखाड़ दिए गए थे । अशोक तंवर ने मुकदमा भी दर्ज करवाया था और हाल में उन्होंने बयान भी दिया था कि कांग्रेस में गुंडे भरे पड़े हैं जिनका इशारा हुड्डा गुट की तरफ था ।
अगर तरुण को हुड्डा गुट का पूर्ण आशिर्बाद मिला तो उनके लिए अच्छी खबर होगी लेकिन अगर रोहित नागर ने हुड्डा गुट में सेंध लगा लिया तो नतीजे चौंकाने वाले होंगे । दिल्ली में बैठे शीर्ष कांग्रेसी नेता रोहित के लिए किस गुट के नेता से किसके सपोर्ट की बात करेंगे जीत हार इस बात पर निर्भर होगी फिलहाल रोहित का खिला चेहरा देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली से उन्हें थोक में आशीर्वाद मिलने वाला है । रोहित के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी अच्छे ताल्लुकात हैं और उनके लिए सकारात्मक बात ये हैं कि वो फरीदाबाद के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता यशपाल नागर के बेटे हैं और यशपाल नागर यहाँ से लोकसभा चुनाव तो लड़ ही चुके हैं साथ में गेम चेंजर भी हैं और विधानसभा चुनावों में उनके वजह से जिले में कई कांग्रेसी नेता विधायक भी बन चुके हैं । यशपाल नागर अपने बेटे को किसी भी हालत में चुनाव नहीं हारने देंगे और सूत्रों की माने तो बेटे के लिए यशपाल नागर हुड्डा गुट का रुख अपनी तरफ मोड़ सकते हैं । यशपाल नागर की हरियाणा कांग्रेस के साथ साथ केंद्र की कांग्रेस में मजबूत पकड़ है और ये पकड़ युवा कांग्रेस चुनावों में रंग लाएगी । रोहित की बात करें तो उनकी छबि भी उन्हें चुनाव जितवा सकती है क्यू कि वो मिलनसार युवक हैं और कई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी युवकों से उनका तालमेल बहुत ही अच्छा है । जबकि अन्य उमीदवारों का?? पूरी खबर कल ,,,
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