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वायु प्रदूषण रोकने के लिए खट्टर की आपात बैठक, 5 दिन बंद रहेंगे सभी क्रेशर

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चंडीगढ़, 7 नवम्बर- हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य के प्रभावित जिलों हेतु बहुउद्देश्यीय रणनीति लागू करने का निर्णय लिया है। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां एक आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि प्रभावित क्षेत्रों में अगले पांच दिनों तक स्टोन क्रैशर बंद रहेंगे और ईंट के भट्ठों  में नई ईंटों के निर्माण पर भी रोक होगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए यातायात पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है और इस दौरान राजकीय अस्पताल  रात्रि को भी संचालित होंगे। प्रभावित जिलों के उपायुक्त अपने स्तर पर स्कूलों में छुट्टियां घोषित करने के लिए वायु प्रदूषण की स्थिति के आधार पर निर्णय ले सकते हैं। 

श्री मनोहर लाल जो वायु प्रदूषण के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे, ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों को निर्माण गतिविधियों के दौरान अक्षरश: पालन करने को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से धुंए और प्रदूषण से बचाव हेतु एक एडवाइजरी जारी करे, जिसमें वे अपने घरों के बाहर पानी का छिडक़ाव करें और ऐसे स्थानों पर जाने से बचें जहां धुएं और प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्मोग के कारण कम दृश्यता की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के मद्देनजर यातायात पुलिस को यात्री के दौरान हाईअलर्ट पर किया गया है। सभी राजकीय अस्पतालों को भी किसी भी प्रकार की दुर्घटना से निपटने के लिए और दुर्घटना से पीडि़त लोगों को तुरंत चिकित्सा मुहैया करवाने के लिए स्टैंड मोड पर रखा जाएगा। 
श्री मनोहर लाल ने कृषि, स्वास्थ्य, शहरी स्थानीय निकाय और उद्योग विभागों के अधिकारियों के एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में कृषि और शहरी कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करके संभावनाएं तलाश कर इकाइयां स्थापित हो सकें। इस सम्बंध में एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। उन्होंने बताया कि कृषि अवशेष को जलाने की वजह से वायु प्रदूषण की समस्या को स्थायी तौर पर समाप्त करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के किसानों को (हैप्पी सीडर), जो एक आधुनिक तकनीक है, को प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से धान के अवशेषों को बिना जलाए गेहूं की बिजाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस उपकरण की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है और अब राज्य सरकार ने इस सब्सिडी के बजट को वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 21 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 31 करोड़ रुपये कर दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसमें कवर किया जा सके। 

बैठक में बताया गया कि राज्य के सभी उपायुक्तों को पहले ही यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अवशेषों को जलाने पर निगरानी रखें। इसके परिणामस्वरूप दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए 1424 मामले दर्ज किये गए हैं और 14 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। 
इसके पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में कृषि अवशेषों को जलाने की समस्या से निपटने के लिए अगले वित्त वर्ष में प्रत्येक खंड के अंदर स्ट्राबेलर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का वातावरण हर वर्ष बनता है और प्रदूषण की यह समस्या विभिन्न कारणों जैसे कि धुंआ, कृषि अवशेषों का जलाना, भवन निर्माण गतिविधियां, दीवाली के दौरान पटाखों का जलना, हवा का न चलना और इस दौरान वर्षा का न होना भी है। इस कारण से राज्य में वाहनों के आपस में टकराने से दुर्घटनाएं और जिसमें कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है। उन्होंने कहा कि स्मोग के कारण दिल्ली और  एनसीआर का क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। 
मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे कम से कम यात्रा करें और अपने घरों के बाहर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिडक़ाव करते रहें। उन्होंने कहा कि यह सभी की समस्या है इसलिए हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के लोगों को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए आगे आना होगा। 
बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, पुलिस महानिदेशक श्री के.पी. सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजन गुप्ता, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रामनिवास, निगरानी एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव श्री टी.सी. गुप्ता, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री देवेन्द्र सिंह और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
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