
इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित अधिक से अधिक मामलों का आपसी समझौते के माध्यम से सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है, जिससे आम जनता को त्वरित, सरल, सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्नलिखित प्रकार के मामलों का निपटारा किया जाएगा:
बैंक ऋण वसूली से संबंधित मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा (MACT) मामले, वैवाहिक व पारिवारिक विवाद, दीवानी वाद (सिविल सूट्स), फौजदारी जमानती मामले (Compoundable Criminal Cases), श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले, बिजली व जल बिल विवाद (यदि आपसी सहमति संभव हो), राजस्व संबंधित मामले, ट्रैफिक चालान व समरी चालान व अन्य सभी प्रकार के छोटे व समझौता योग्यवाद मामलों का आपसी सहमति से अधिक से अधिक निपटान किया जायेगा।
सीजेएम रितु यादव ने आमजन से अपील की है कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं और अपने लंबित मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटाने हेतु न्यायालय में संपर्क करें। इस प्रक्रिया में किसी भी पक्ष को कोई भी कोर्ट फीस अदा नहीं करनी पड़ती, और यदि पहले से कोर्ट फीस अदा की गई है तो वह राशि नियमानुसार वापिस दी जाती है।
लोक अदालत में पारित निर्णय अंतिम होता है तथा उसके विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती, जिससे विवाद का स्थायी व त्वरित समाधान संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन से न्यायिक प्रणाली पर भार कम होगा और समाज में आपसी सद्भाव एवं विश्वास को बल मिलेगा।
पाली एवं मोहताबाद गांव के लोग अपने पहाड़ की मलकियत जमीन के लिए आज भी तारीख भुगत रहे हैं और एक पैसा भी उनको मुआवजे के रूप में नगर निगम की तरफ से नहीं मिला है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मवीर भड़ाना रविवार को गुड़गांव पाली रोड स्थित अपने कार्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि 1992 में जब पूरे देश में कांग्रेस सरकार थी और हरियाणा में भी कांग्रेस सरकार थी तब वन विभाग नाम का एक बीज आया। उस समय चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह हरियाणा में कैबिनेट मंत्री थे, उन्होंने न फॉरेस्ट का विरोध किया और ना ही गांव की जमीन को फॉरेस्ट में जाने से रोकने के लिए कोई प्रयत्न किया। इतना ही नहीं आसपास के गांवों की मलकियत की जमीन को भी फॉरेस्ट में दिलवा दिया, जिसका परिणाम लोग आज भुगत रहे हैं।
भड़ाना ने जानकारी देते हुए कहा कि 2003 में अपने लोगों से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डलवा कर पाली, मोहब्ताबाद, बड़खल एवं अन्य गांव के लोगों की जो खदानें चल रही थी, उनको भी बंद करवा दिया, ताकि इलाके के लोग संपन्न न हो सकें और उनके समक्ष कोई चुनाव न लड़ पाए। सन 2012 में जब पाली गुड़गांव रोड बना तो पूर्व मंत्री ने पाली क्रेशर जोन में टोल टैक्स लगवा दिया, जबकि पूरी दुनिया में ऐसा कहीं भी नहीं है, जहां रोड खत्म होता है वहां टोल नहीं होता है। आज उनके कमों की सजा आसपास के गांव के लोग और युवा झेल रहे हैं, जो हर रोज हजारों रुपए का टोल अदा कर रहे हैं।
धर्मवीर भड़ाना ने कहा कि जब अनंगपुर गांव में हो रही तोड़फोड़ को लेकर 36 बिरादरी के लोग केंद्र में राज्य मंत्री चौधरी कृष्णपाल गुर्जर की निवास पर पहुंचे, तो गुर्जर ने उनको विश्वास दिलाया और कहा कि जेसीबी गांव में मकान तोड़ने नहीं जाएगी। उसी दिन से गांव में आंदोलन समाप्त हो गया और लोग आश्वस्त हो गए। उस समय कांग्रेस नेताओं ने वहां जाकर लोगों को भड़काया और अपना राजनीतिक खेल शुरू कर दिया।
हमारे इलाके के सीधे-साधे लोगों को बहला फुसलाकर आज यहां पर कांग्रेस के लोग राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों को चौधरी कृष्ण पाल गुर्जर के कथन पर पूरा विश्वास है। पूरा क्षेत्र जानता है कि चौधरी कृष्ण पाल गुर्जर की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। इस मौके पर उनके साथ चौधरी आजाद भड़ाना और बिल्लू भगत जी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि गांव अनंगपुर के लोगो को केंद्रीय राज्यमंत्री एवं फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने आश्वासन दिया है कि वह किसी कीमत पर गांव में तोडफ़ोड़ नहीं होने देंगे और अगर जेसीबी यहां आई तो उसके आगे खड़ा होकर विरोध करेंगे और पिछले चार दिनों से यहां तोडफ़ोड़ दस्ता आया भी नहीं है, ऐसे में हम सभी को केंद्रीय मंत्री के आश्वासन पर भरोसा जताना चाहिए क्योंकि इस समस्या का हल सरकार व अफसरों के साथ मिलकर ही निकाला जा सकता है।
भड़ाना शनिवार को सूरजकुंड स्थित अपने कार्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनंगपुर गांव 1100 साल पहले बसा था और उस दौरान जिसके पास खेती के लिए एक बीघा जमीन थी, उसे पशु पालने, चराने इत्यादि के लिए सात बीघे पहाड़ मिलता था, वर्षाे से लोग यहां बसे हुए है, यह हमारी अपनी जमीन है, अधिकारियों ने सुप्रीमकोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत कर इसे फारेस्ट विभाग मेें डाल दिया। नियमानुसार अगर फारेस्ट विभाग जमीन लेता है तो कंपोशेसन दिया जाता है अथवा हम खुद लिखकर फारेस्ट विभाग को जमीन दे सकते है, लेकिन अनंगपुर गांव की जमीन यहां के लोगों की पुश्तैनी मलकियत है।
करतार भड़ाना ने कहा कि तोडफ़ोड़ की इस कार्रवाई के तहत उनके फार्म हाऊस भी तोड़े गए, जबकि उनकी सभी प्रॉपर्टी पूरी तरह से वैध है, लेकिन उनके फार्म टूट गए, कोई दुख नहीं लेकिन गांव नही टूटना चाहिए, इसी प्रयास में वह जुटे हुए है। भड़ाना ने स्पष्ट किया कि अनंगपुर मामले में सुप्रीमकोर्ट के जो ऑर्डर आए है, वह पंचायतों से नहीं सुलझेगा, बल्कि उसे सरकार व अफसरों के सहयोग से सुप्रीमकोर्ट के समक्ष सही तथ्यों के साथ रखना होगा, तभी हमारा गांव बच पाएगा।
रविवार को गांव अनंगपुर में आयोजित होने वाली पंचायत को लेकर पूर्वमंत्री ने कहा कि अभी पंचायत की कोई आवश्यकता नहीं है, जब जरूरत पड़ेगी तो पहले गांव की पंचायत की जाएगी। उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं से आह्वान किया कि वह इस मुद्दे पर राजनीति न करे और लोगों को सरकार व अधिकारियों के खिलाफ न भडक़ाए क्योंकि इस मामले का हल शांति और कानून के दायरे में रहकर की किया जा सकता है।
इस मौके पर उन्होंने छात्राओं से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के बारे में प्रश्नोत्तरी किए। उन्होंने कहा कि छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए बनाई गई कम्प्यूटर लैब में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। जो कंप्यूटर खराब स्थिति में हैं उन्हें उचित प्रक्रिया के माध्यम से ठीक करवाया जाए, जिससे छात्राओं को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेने में कोई परेशानी न आए।
उन्होंने कक्षाओं में जाकर डिजिटल बोर्ड के प्रयोग की जांच की एवं छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने छात्राओं से संवाद के दौरान कहा कि वे पूरी लगन व मेहनत के साथ की गई पढ़ाई से अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ खेलना भी अत्यंत आवश्यक है।
संयुक्त निदेशक ने आईसीटी लैब तथा भाषा प्रयोगशाला का विद्यार्थियों के विकास के लिए भरपूर प्रयोग करने के लिए निर्देश दिए। संयुक्त निदेशक संजीव कुमार द्वारा विद्यालय के शौचालयों का निरीक्षण भी किया गया तथा सफाई व्यवस्था दुरूस्त पाने पर प्रशंसा की।
संयुक्त निदेशक (प्रशासनिक) संजीव कुमार ने इसके पश्चात राजकीय उच्च विद्यालय पलवल कैंप का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कम्प्यूटर लैब सुचारू रूप से संचालित पाई गई और स्कूल में साफ-सफाई व्यवस्था भी बेहतर मिली। उन्होंने विद्यालय में विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को दिए गए टैब के बारे में जानकारी लेकर रिकॉर्ड चैक किया। इस अवसर पर उनके साथ उप जिला शिक्षा अधिकारी मामराज रावत भी मौजूद रहे।
जिलाधीश ने कहा कि परीक्षा के दौरान भीड़ एकत्र होने की आशंका, शांति भंग होने तथा परीक्षाओं के संचालन में बाधा उत्पन्न होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए 4 जुलाई से 14 जुलाई तक जिले के निर्धारित परीक्षा केंद्रों के चारों ओर 200 मीटर की परिधि में व्यक्तियों की स्वतंत्र आवाजाही और फोटोकॉपी मशीनों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा।
निषेधाज्ञा लागू परीक्षा केंद्रों की सूची इस प्रकार है:
1. गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, टिकौना पार्क
2. गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी-12 बी-1 (दशहरा ग्राउंड के पास)
3. गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी-3 (डीएवी कॉलेज के पास)
4. गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी-5 (के.एल. मेहता कॉलेज के पास)
5. गवर्नमेंट हाई स्कूल, एनआईटी-2 (लखानी धर्मशाला के पास)
6. गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी-5
उन्होंने का कि यह आदेश केवल आम नागरिकों पर लागू होगा, पुलिस व ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों को इससे छूट दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ शुक्रवार को जिला सचिवालय के द्वितीय तल पर स्थित अपने कार्यालय में जिला प्रशासनिक सहित संबंधित विभागीय अधिकारियों को बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इन खेलों के सफल आयोजन के संबंध में समय से पूर्व सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कर लिए जाएं। सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्यों को आपसी तालमेल के साथ पूर्ण करें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि सीनियर श्रेणी में लडक़े तथा लड़कियों के इन खेलों में प्रदेश के अन्य जिलों से भी खिलाड़ी भाग लेने आएंगे। उन सभी खिलाडिय़ों के ठहरने सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की समूचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने खेल के दौरान यातायात प्रबंधन, सुरक्षा, साफ-सफाई, झंडे, पेयजल, मोबाइल शौचालय, जनरेटर, निर्बाद विद्युत सप्लाई, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साउंड, मंच संचालन, अग्रिशमन वाहन, एम्बुलेंस, गमले, साजो-सज्जा आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के संदर्भ में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए। इन खेलों में करीब 2 हजार खिलाड़ी भाग लेंगे। खेलों के सफल क्रियान्वयन के लिए नगराधीश को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि खेल विभाग हरियाणा द्वारा सीनियर श्रेणी में लडक़े तथा लड़कियों के राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ 2025-26 में विभिन्न 26 खेलों को शामिल किया गया है। इनका आयोजन जिला पलवल, पंचकुला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर व हिसार में 11 जुलाई से 13 जुलाई 2025 तक तथा जिला जींद, रोहतक, फरीदाबाद, अंबाला व गुरूग्राम में 15 जुलाई से 17 जुलाई 2025 तक करवाया जाना है।
बैठक में एसडीएम ज्योति, जिला नगर आयुक्त मनीषा शर्मा, नगराधीश अप्रतिम सिंह, डीएसपी अनिल कुमार, खेल विभाग पलवल के उपनिदेशक राम मेहर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला खेल अधिकारी गोपाल कृष्ण, जिला बागवानी अधिकारी अब्दुल रज्जाक, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता हेमंत कुमार, लोक निर्माण विभाग के उपमंडल अधिकारी सिद्धार्थ, नगर परिषद पलवल के कार्यकारी अभियंता मनोज कुमार, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता हेमंत कुमार सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में समाधान शिविरों, सीएम विंडो, जन-संवाद तथा एसएमजीटी पोर्टल पर प्राप्त जनशिकायतों का शीघ्र, पारदर्शी व संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करें। अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि सभी विभागों के प्रतिनिधि समाधान शिविरों में दर्ज शिकायतों की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करें तथा उनकी वर्तमान स्थिति से संबंधित जानकारी समयबद्ध रूप से साझा करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत उपायुक्त (डीसी) विक्रम सिंह ने अधिकारियों की बैठक में समाधान शिविर, सीएम विंडो, जनसंवाद और एसएमजीटी पोर्टल की विस्तारपूर्वक समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी सप्ताह तक लंबे समय से लंबित शिकायतों का संतोषजनक समाधान नहीं किया गया, तो जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जनहित नायब सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शिकायतों की नियमित समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन शिकायतों के शीघ्र निस्तारण में ढिलाई किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।
डीसी ने कहा कि सही तरीके से दर्ज और निस्तारित शिकायतें न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देंगी, बल्कि बार-बार एक ही शिकायत के खुलने की समस्या भी कम होगी। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए डीसी ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के गैरहाजिर रहने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक उत्तरदायी, संवेदनशील और पारदर्शी बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें तथा इस दायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
डीसी ने कहा कि हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं समाधान शिविर, सीएम विंडो और एसएमजीटी पोर्टल के माध्यम से दर्ज शिकायतों की निगरानी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जिला स्तर तक मामलों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान में केवल कानूनी या प्रशासनिक दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और व्यवहारिक सोच भी उतनी ही जरूरी है।
उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों का समाधान प्रशासन की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। यदि प्रशासन नागरिकों को पारदर्शी, त्वरित और संतोषजनक समाधान देने में सफल होता है तो इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है।
बैठक में एडीसी सतबीर मान, एसडीएम बड़खल त्रिलोक चंद, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, डीसीपी उषा कुंडू, सीटीएम अंकित कुमार सहित अन्य सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों द्वारा पिछले वर्ष धान बोया गया था और अब वे किसान वैकल्पिक फसलें उगा रहे हैं या खेत को खाली छोड़ रहे है, वे किसान इस योजना के अंतर्गत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। साथ ही पिछले वर्ष के लाभार्थी किसान वही फसल लगाकर भी लाभ ले सकते हैं।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि इस सत्र में सरकार का एक लाख एकड़ भूमि पर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देने का लक्ष्य है, जिसमें धान के स्थान पर मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, उड़द, सोयाबीन, तिल, अरंडी, मूंगफली, प्याज, चारा, सब्जियां, बागवानी फसलें, पोपलर, यूकेलिप्टस (एग्रो फोरेस्ट्री) के साथ-साथ खेत को खाली छोडऩे पर भी किसानों को लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए 8 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण और फसल सत्यापन के बाद सीधे बैंक खाते में दी जाएगी।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने किसानों से आह्वान किया कि वे धान की फसल के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को लगाकर फसल चक्र को बदलने का काम करें, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य भी सुधरेगा। इसके साथ-साथ किसानों के लाभार्थ फसल का ब्यौरा करने पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वैकल्पिक फसलों की शत प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा का अंश किसान द्वारा वहन कर अपनी फसल का बीमा कराने से जोखिम की परिस्थितियों में फसल नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर-14447 एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करने से नुकसान का आंकलन कर बीमा कंपनी मुआवजा राशि किसान के खाते में सीधे देगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उप निदेशक डा. अनिल सहरावत ने अपने अधीनस्थ पलवल, होडल, हथीन व हसनपुर के खंड कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत किसान जागरूकता शिविरों के माध्यम से फील्ड स्टाफ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।
इसके साथ-साथ अन्य विभागों के साथ सामंजस्य बनाकर उनके माध्यम से भी कृषि योजनाओं को किसानों के सम्मुख प्रस्तुत करें, जिससे कि जिले के प्रत्येक किसान को विभागीय योजनाओं का पूर्ण ज्ञान प्राप्त हो और उसके आधार पर किसान को सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन व अनुदान राशियों के लिए आवेदन कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने पुलिस व प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों को साथ लेकर बघौला का दौरा किया। उन्होंने विस्तार से बघौला को जाम रहित बनाने पर गंभीरता से मंथन किया। समाधान के लिए उन्होंने पुलिस-प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के अलावा बघौला के सरपंच तथा ग्रामीणों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जामग्रस्त क्षेत्र में पूरे सड़क मार्ग का दौरा करते हुए हर संभावित समाधान पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि भारी व हलके वाहनों के लिए अलग-अलग लेन बनाने की संभावना की पूर्ण जांच करें।
उपायुक्त डा. वशिष्ठ ने निर्देश दिए कि गांव का गंदा पानी किसी भी स्थिति में सडक़मार्ग पर नहीं आना चाहिए। इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती विभाग हर जरूरी कदम उठायें, जिसमें एनएचएआई को पूर्ण सहयोग दिया जाए।
गंदे पानी के जमावड़े के कारण सडक़ पर गड्ढे हो जाते हैं, जिसके कारण जाम की स्थिति पैदा होती है। साथ ही गड्ढों में पानी भरने के कारण भी जाम की स्थिति बनती है। इसलिए जरूरी है कि सडक़ पर पानी को रोकने की बेहतरीन व्यवस्था की जाए। उन्होंने पंचायती विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे तुरंत प्रभाव से पानी रोकने की व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने एनएचएआई के अधिकारियों को भी कड़े शब्दों में जाम की समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई के पीडी को निर्देश दिए कि वे सड़क मार्ग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट उन्हें प्रेषित करते हुए निर्धारित समयावधि में काम करवायें।
उन्होंने निर्देश दिए कि फिलहाल सावन मास की कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत अस्थाई तौर पर जरूरी प्रबंध करें। कांवड यात्रा को सुगम बनाने के लिए फ्लाईओवर से कांवड़ यात्रा को गुजारने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम ज्योति, जिला परिषद के सीईओ जितेंद्र कुमार, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, एनएचएआई के पीडी धीरज सिंह, उप प्रबंधक रजत श्रीवास्तव, कंसलटेंट अभियंता बृजेश कुमार, बीडीपीओ प्रवीण कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर जगबीर सिंह आदि संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।