बाबैन 2 दिसम्बर (राकेश शर्मा) लगातार बढ़ रही महगांई ओर प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रही खेती आज किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। इस घाटे ओर नुकशान को देखते हुए अब किसान गेहु व धान की खेती छोडकर अब मशरूम की खेती ओर अग्रसर हो रहे है कुछ ऐसा ही कार्य कर रहे बाबैन क्षेत्र के गांव बीड़ मगौली के रहने वाले छोटे से किसान ने जो कारनामा किया है वह आज किसानों ओर बेराजगार युवाओं के लिए मार्गदर्शक बन गये है। वैसे तो रजवन्त सिंह काफी समय से हलवाई का काम करता है लेकिन उस काम को छोड़कर खुम्ब की खेती पर अपनी किस्मत अजमायी ओर सफल हो गये। रजवन्त सिंह का कहना है उसने बेकार पड़े कमरे में लोहे की राडो के सहारे पौलोथिन में बेकार पड़ी पराली की भुस्सी ओर नारियल की भुस्सी से कार्य शुरू किया ओर दस से पन्द्रह दिनों में खुम्ब तैयार हा जाती हैै ओर उसे बेचकर वह हर महीने 10 से 12 हजार रूपये कमा लेता है जिससे वह बेहद खुश है। रजवन्त सिंह का कहना है यदि छोटे किसान इस तरह से खुम्ब का उत्पादन करे तो उनकी भी पौ बारह हो जायेगी जिससे उनके सामने अन्य विकल्प खुल जाएगें।
खुम्ब खाने से क्या क्या है फायदे—————
खुम्ब को मशरूम भी कहा जाता है ओर इसमें उतना ही प्रोटीन होता है जिसना मांस में होता है मिली जानकारी के अनुसार इसमें लाईसिन नामक एमिनों अम्ल की अधिकता रहती है। साथ ही खनिज लवण विटामिन बी,सी,ओर डी पर्याप्त मात्रा मे मिलता है। यह मधुमेह,रक्तचाप,कब्ज,मोटापा व हदय रोग के अलावा अन्य बिमारीयों में भी लाभदाय है। जो छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ो तक के फायदेमंद होता है।