नई दिल्ली: जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर तथाकथित गोली चलाने वाला मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बड़े बड़े योद्धा मैदान में कूद पड़े है खासकर वो जिन्हे सोशल मीडिया आजादी गैंग कहती है। कथित हमलावर का सीसीटीवी फुटेज जारी किया गया है।स्थानीय पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कार्यक्रम में शामिल होने के महज 10-15 मिनट के बाद ही उमर खालिद बाहर क्यों निकल आए। खालिद ने पुलिस को बताया कि वह अपने साथियों के साथ चाय पीने बाहर गए थे और उसी दौरान यह घटना घटी। पुलिस इस घटनाक्रम से भी वारदात की टाइमिंग के तार जोड़ने की कोशिश कर रही है। साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इतने सारे छात्रों की मौके पर मौजूदगी के बावजूद आरोपी आखिरकार फरार होने में कामयाब कैसे हो गया। साथ ही अगर उसके पास पिस्टल थी और उसने उमर के पास जाकर उसकी कमर पर पिस्टल लगा दी थी, तो उस वक्त गोली क्यों नहीं चलाई और बाद में सिर्फ हवाई फायर करके वह क्यों फरार हो गया।
डीसीपी (नई दिल्ली) मधुर वर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पुलिस से कोई इजाजत नहीं ली गई थी और ना पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी, इसलिए वहां पुलिस फोर्स तैनात नहीं थी। घटना के बाद पुलिस ने कईं लोगों से पूछताछ की है और कुछ अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसके जरिए पुलिस जल्द ही इस केस को सुलझा लेगी। सोशल मीडिया की बात करें तो गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि इस हमले के लिए मीडिया के वह ग्रुप्स भी जिम्मेदार है जो लगातार कन्हैया कुमार, उमर खालिद, शेहला रसीद को ‘टुकड़े टुकड़े गेंग’ और ‘राष्ट्रद्रोही’ बताकर भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाने के मिशन में लगे है। आप का बिकाऊ होना किसी की जान ले शकता है, समज रहे है क्या ? मेवाणी को शायद नहीं पता कि जो भारत में भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाएगा और कश्मीर मांगे आजादी बोलेगा वो भी राजधानी दिल्ली में उसे मीडिया क्या कहेगी।
मेवानी के इस ट्वीट कर कई अलग तरीके के कमेंट्स आ रहे हैं। विवेक मिश्रा ने लिखा है कि तुम्हे कैसे पता कि हमला भाजपा के लोगों ने किया है मामला त्रिकोड़ी प्रेम प्रसंग का भी हो सकता है , इंतजार करो कुछ देर सब साफ हो जाएगा। रितु चौधरी ने लिखा है कि
बड़े अफसोस की बात है पता नहीं ऐसे लोग कैसे बच जाते हैं। गोली चलाने वाले को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और 2-4 लात अलग से देना चाहिए, उसका निशाना कैसे चूक गया? कई अन्य लोग कई अलग तरीके के प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ और कमेंट्स
उमर ख़ालिद संसद के इतना नज़दीक पहुँचा कैसे?ये तो संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक है😜#UmarKhalidAttacked #UmarKhalidJNU #UmarPublicityStunt
— Nancy Arora (@nancyarora2991) August 14, 2018
बड़े अफसोस की बात है पता नहीं ऐसे लोग कैसे बच जाते हैं। गोली चलाने वाले को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और 2-4 लात अलग से देना चाहिए, साला निशाना कैसे चूक गए
— Parkhar Pooja (@PoojaJo25759169) August 13, 2018
में इस हमले की कढ़ी से कढ़ी निंदा करता हु, की आखिर बचा क्यो…क्यो की जन्नत में हूरो का असली हकदार है खालिद…इसके इंतजार में हूरें दुबली हो रही है
— Ramanlal Panchal (@RamanlalPancha3) August 13, 2018
इसमे दोषी तुम जिस गद्दार हो जो अफज़ल गुरु जैसो का समर्थन करते हो फिर लोगो के गुस्से पर है तोबा करते हो
तूने बताया नही हार्दिक के साथ बैठता है तो कितने में सेटिंग की ??— Ketan virani (@ViraniKetanvrn) August 13, 2018